Song ajnabi kaun ho tum

 

Song ajnabi kaun ho tum
ajnabi kaun ho tum



Ajnabi Kaun Ho Tum MP3 Song by Lata Mangeshkar from the movie Sweekar Kiya Maine.

1983 में रिलीज़ फिल्म 'स्वीकार किया मैंने' में अभिनेत्री शबाना आज़मी  और अभिनेता विनोद मेहरा पर फिल्माया गीत

गीत के शुरू के अल्फाज ही दिल को एहसास कराते हैं  कि दुनिया में सिर्फ प्रेमी-प्रेमिका ही ऐसे हैं जो एक दूसरे पर कुर्बान होते हैं और एक दूसरे की पहचान हो सकते हैं। यूं तो संसार में हर एक चीज अपनी गति में है। जन्म से मृत्यु तक का यह सफर हमेशा जारी रहेगा। सफर कितना भी हसीन हो, खुशगवार हो लेकिन बिना साथी के यह हमेशा अधूरा ही कहा जाएगा। गीत इसी अधूरेपन को पूरा करने की एक खूबसूरत कोशिश है।

प्रेम की शुरुआत पर हर प्रेमिका को अपना प्रेमी अजनबी लगता है। यह स्वाभाविक भी है। बहुत सारे संबंधों से भरा होता है यह जीवन। जब सारे संबंध समाप्त होकर किसी एक जीव पर भावुक होकर टिक जाते हैं तो स्वाभाविक है कि मन घबराता है। मचलता है। तड़पता है। जीवन पथ में सम्मान और सहयोग के साथ दो अधूरे लोग जब एक पूर्ण प्रत्यय बनने की कोशिश करते हैं तो शुरुआत में उन्हें लोक-लाज का भय अवश्य होता है पर प्रेम होते ही दोनों इसके परिणाम से बेखबर हो जाते हैं। गीत यही कहता है कि प्रेम होने के बाद आपकी दुनिया आपकी आंखों में सिमट आती है।  

मनुष्य का प्रेम ही एक सहज प्रत्यय है। यह एक तरह की घटना है जो समय के साथ घटती है। हर किसी के साथ घटेगी या नहीं। यही जीवन की माया है एकमात्र सार्थक सहारा है। हर किसी को एक दिन इस भावना में बहना होगा तभी नैय्या पार लगेगी। भव सागर शायद यही है। इसमें आपको कूदना होगा। नायिका तो अपने प्रेम की पहचान शुरू करते हुए कहती है कि 'जब से तुम्हे देखा, सारी दुनिया मेरी आंखों में सिमट आई है'। मतलब जब प्रेम का एहसास होता है तो पूरी दुनिया से अन्य तरह के रिश्ते और संबंध निराधार हो जाते हैं। दुनिया आंखों में सिमट जाती है।





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